3 food are dangerous according to ayurveda: आयुर्वेद में लौंग मिर्च, सिरका और नमक का संतुलित सेवन क्यों जरूरी है?

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आयुर्वेद में चरक संहिता के अनुसार लौंग मिर्च, सिरका और नमक का अत्यधिक सेवन हानिकारक हो सकता है. डॉ. रेखा के अनुसार इनका संतुलित मात्रा में सेवन ही लाभकारी होता है.

हाइलाइट्स
- लौंग मिर्च का अत्यधिक सेवन शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है.
- सिरके का अधिक सेवन आंखों, हृदय और बालों के लिए हानिकारक हो सकता है.
- अत्यधिक नमक का सेवन ब्लड प्रेशर और हृदय रोग बढ़ा सकता है.
आयुर्वेद में तीन ऐसे खाद्य पदार्थों का उल्लेख किया गया है जिन्हें अत्यधिक मात्रा में या लंबे समय तक सेवन करने से शरीर को हानि हो सकती है. इन्हें “त्रिविध अतिसेवन वर्ज्य द्रव्य” कहा गया है, जिसका अर्थ है ऐसे तीन पदार्थ जिन्हें अधिक मात्रा में लेने से बचना चाहिए. इसे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ चरक संहिता में विस्तार से बताया गया है. इन तीन पदार्थों का सेवन सोच-समझकर और सीमित मात्रा में करना ही शरीर के लिए लाभकारी होता है. आइए जानते हैं आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. रेखा से…
पहला पदार्थ है लौंग मिर्च (Long Pepper). यह मसाला अपने औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. लौंग मिर्च पाचन तंत्र को मजबूत करती है और कई बीमारियों से लड़ने में मदद करती है. लेकिन इसका अत्यधिक सेवन करने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है और लंबे समय तक लेने से शरीर के संतुलन में गड़बड़ी हो सकती है. इसके अलावा एसिडिटी या अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए लौंग मिर्च का सेवन हमेशा संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए ताकि इसका लाभ शरीर को मिले बिना कोई हानि हो.