समस्तीपुर में NH-322 पर फोरलेन सड़क और नए पुल के निर्माण को मंजूरी : new four lane road and bridge samastipur nh 322 budhi gandak river better connectivity darbhanga muzaffarpur mahbubani districts

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Bihar Four Lane Road News: समस्तीपुर में NH-322 पर मथुरापुर से मुक्तापुर तक फोरलेन सड़क और बूढ़ी गंडक नदी पर नए पुल के निर्माण को मंजूरी मिली है. 58.60 करोड़ की इस परियोजना से यातायात सुगम होगा.

केंद्र सरकार ने चुनाव से पहले बिहार को दिया बड़ा तोहफा.
हाइलाइट्स
- समस्तीपुर में NH-322 पर फोरलेन सड़क को मंजूरी मिली.
- बूढ़ी गंडक नदी पर नए पुल का निर्माण होगा.
- परियोजना से समस्तीपुर और दरभंगा की कनेक्टिविटी बेहतर होगी.
समस्तीपुर. बिहार के समस्तीपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-322 (NH-322) पर मथुरापुर से मुक्तापुर तक फोरलेन सड़क और बूढ़ी गंडक नदी पर एक नए हाई-लेवल रिवर कंक्रीट कंस्ट्रक्शन (HLRCC) पुल के निर्माण को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. इस परियोजना के लिए 58.60 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है, और इसे 24 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यह परियोजना समस्तीपुर और दरभंगा के बीच यातायात को सुगम बनाने के साथ-साथ कई अन्य जिलों के लिए कनेक्टिविटी को बेहतर करेगी.
बिहार में एक और फोरलेन
इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ समस्तीपुर और दरभंगा जिलों को होगा. समस्तीपुर जिला, जो बिहार का एक प्रमुख व्यापारिक और कृषि केंद्र है, इस पुल और फोरलेन सड़क के जरिए दरभंगा के साथ बेहतर जुड़ेगा. दरभंगा, जो मिथिलांचल क्षेत्र का सांस्कृतिक और शैक्षणिक केंद्र है, वहां के निवासियों को समस्तीपुर के बाजारों और रेलवे जंक्शन तक पहुंचने में आसानी होगी. इसके अलावा, यह परियोजना मुजफ्फरपुर और मधुबनी जैसे पड़ोसी जिलों के लिए भी फायदेमंद होगी, क्योंकि NH-322 इन क्षेत्रों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है.
इन जिलों में रहने वाले लोगों को फायदा
स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि इस परियोजना से बाजार समिति क्षेत्र में व्यापार को नया जीवन मिलेगा. साथ ही, यह परियोजना रोजगार सृजन में भी योगदान देगी, क्योंकि निर्माण कार्य के दौरान सैकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. सड़क और पुल की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे बिहार में बार-बार होने वाली पुल ढहने की घटनाओं से बचा जा सकेगा. यह परियोजना बिहार के उत्तरी क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देगी.