Special Story: दिल्ली में 150 साल पुरानी है यह पान की दुकान, यहां कभी लाल किले में मुगलों के लिए जाते थे पान

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Delhi news: इस दुकान के मालिक महेश लाल ने बताया कि उनकी यह दुकान 150 साल पुरानी है और उनके खानदान की चौथी पीढ़ी अब इस दुकान को आगे चला रही है. उन्होंने इसके बाद यह भी बताया कि इस दुकान की शुरूआत उनके दादाजी बघे…और पढ़ें

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दिल्ली में 150 साल पुरानी है यह पान की दुकान, मुगलों के लिए भी लाल किले में यहां

हाइलाइट्स

  • दिल्ली की 150 साल पुरानी पान की दुकान चांदनी चौक में स्थित है.
  • दुकान के पान मुगलकालीन समय में लाल किले में भेजे जाते थे.
  • दुकान आज भी पुरानी दिल्ली में प्रसिद्ध है और पान की जोड़ी ₹12 में मिलती है.

दिल्ली: दिल्ली हमेशा से ही खाने-पीने के मामले में देशभर में ही काफी मशहूर रहा है. इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि दिल्ली पर अलग-अलग समय में अलग-अलग हुक्मरान रहे हैं और उनका दिल्ली के ज़ायको पर काफी प्रभाव भी रहा है. इसलिए, दिल्ली में आज भी वो दुकानें मौजूद हैं जहां से एक जमाने में कई बड़े-बड़े लोग अपनी पसंद के पकवान खाया करते थे.

इन्हीं सबको नजर में रखते हुए लोकल18 की टीम ने दिल्ली में एक दुकान ढूंढ कर निकाली है जिस दुकान से एक समय में दिल्ली के लाल किले के अंदर मुगलों के लिए खाने के लिए पान जाया करते थे. इनकी पान की दुकान जितनी प्रसिद्ध मुगलकालीन समय में थी आज भी इतनी ही प्रसिद्ध है. इसका अंदाजा आप इस बात से साफ लगा सकते हैं कि आज भी इनके पास दिल्ली में हर जगह से लोग पान खाने आते हैं.

150 साल पुरानी है दुकान मुगलकालीन समय में लाल किले में जाते थे पान
इस दुकान के मालिक महेश लाल ने बताया कि उनकी यह दुकान 150 साल पुरानी है और उनके खानदान की चौथी पीढ़ी अब इस दुकान को आगे चला रही है. उन्होंने इसके बाद यह भी बताया कि उनकी इस दुकान की शुरूआत उनके दादाजी बघेलम राम ने की थी और जब उन्होंने इस दुकान की शुरुआत की थी, तो तब इस दुकान के बने हुए पान लाल किले के अंदर मुगलों के लिए भी जाया करते थे.

उन्हें यह मालूम तो नहीं था कि लाल किले के अंदर किस मुगल बादशाह के लिए पान जाया करते थे. लेकिन उन्होंने यह बात 100 फ़ीसदी गारंटी से कही की मुगलकालीन समय में लाल किले के अंदर पान उन्हीं की दुकान से ही जाया करते थे. वहीं उन्होंने इस बात को और पुख्ता करते हुए यह भी बताया कि चांदनी चौक के जितने भी बड़े रईस लोग थे वह सभी उन्हीं की दुकान का पान खाते थे जिसमें उन्होंने चुना माल हवेली के चुना लाल जी का भी जिक्र किया.

पान खाने वालों ने बताई पान की खासियत
इनकी दुकान से करीबन 20 साल से पान खाते आ रहे अशोक कुमार ने कहा कि उनकी दुकान का पान पूरी दिल्ली और खास कर पुरानी दिल्ली में लाजवाब है. उनका यह भी कहना था कि यह किसी भी तरह से क्वालिटी में समझौता नहीं करते हैं और यही इनकी खास बात है. वहीं अपने पान की खासियत बताते हुए महेश ने कहा कि वह बनारसी और देसी पान बेचते हैं और वह किसी भी तरह का कोई भी गुटका पान में नहीं डालते हैं उनका कत्था भी ओरिजिनल होता है और उनकी सुपारी भी. इसलिए, लोग उनका पान पसंद करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जहां पूरी दिल्ली में पान वाले पान ₹15 में बेचते हैं. वही वो अपने पान की जोड़ी आज भी ₹12 में ही बेचते हैं और यह भी उनकी एक बड़ी खासियत है.

कहां है दुकान और कैसे पहुंचे यहां 

यह दुकान आज भी पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक से सटे हुए कटरा नील बाजार में घुसते ही पहली तीन चार दुकान छोड़कर दाहिने तरफ है. आप इस दुकान पर पहुंचने के लिए येलो मेट्रो लाइन से चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर उतर सकते हैं. जिसके बाद रिक्शा लेकर आप सीधा इनकी दुकान पर आराम से पहुंच जाएंगे. यह दुकान हफ्ते के सातों दिन खुली रहती है. रविवार को यह दुकान सुबह 10:30 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक खुली रहती है. वहीं बाकी हफ्ते सभी दिन यह दुकान सुबह 10:00 बजे से लेकर रात के 9:00 बजे तक खुली रहती है. इस दुकान का कोई नाम नहीं है, इसलिए इस दुकान तक आपको इसी तरह पहुंचाना होगा जैसे इस लेख में बताया गया है.

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दिल्ली में 150 साल पुरानी है यह पान की दुकान, यहां मुगलों के लिए जाते थे पान

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