वो किला जिसमें कभी मुगलों का था कब्जा… अब बनने जा रहा लग्जरी होटल, जहां कर सकेंगे शादी

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मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले का ऐतिहासिक चुनार किला अब नए रूप में नजर आएगा. सरकार की ओर से इसे राजस्थान के किलों की तर्ज पर हेरिटेज होटल के रूप में विकसित करने की तैयारी है. हाल ही में कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली, जिसके बाद पर्यटन विभाग ने चुनार किले को वाराणसी पर्यटन विभाग को सौंप दिया है.

अब यह किला पीपीपी मॉडल यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एक निजी फर्म को हस्तांतरित कर दिया गया है. यह फर्म अब किले का जीर्णोद्धार कर उसे एक भव्य और सुविधाजनक हेरिटेज होटल के रूप में विकसित करेगी, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को एक अलग ही अनुभव मिलेगा.

चुनार किला, इतिहास से जुड़ी विरासत
चुनार किला इतिहास के पन्नों में गहराई से दर्ज है. इस किले पर मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक ने शासन किया. ये किला मिर्जापुर जिले की एक पहचान भी है. अब इसे फिर से जीवंत करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं. यह किला करीब 21.90 एकड़ में फैला हुआ है, जो अब वर्षों के खंडहर के बाद नए रंग-रूप में नजर आएगा.

परियोजना के तहत इसके नवीनीकरण से किले की उम्र 90 साल और बढ़ जाएगी. 24 मार्च को फर्म के साथ विशेष शर्तों के अधीन करार किया गया था, जिसे जून 2025 में ऑफिशियली हैंडओवर कर दिया गया.

होटल में मिलेंगी ये खास सुविधाएं
किले को हेरिटेज होटल में बदलने वाली कंपनी ‘मैसर्स गोल्डन ट्रायंगल फोर्ट एंड पैलेस प्राइवेट लिमिटेड’ है. यह कंपनी किले में स्विमिंग पूल, मैरेज हॉल, रूम्स, रेस्टोरेंट, छोटा म्यूजियम और लाउंज जैसी सुविधाएं विकसित करेगी. इससे पर्यटक जहां आराम से रुक सकेंगे, वहीं जो लोग शाही अंदाज में शादी करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह जगह खास विकल्प बन जाएगी.

इसके अलावा किले के आसपास की हरियाली और माहौल को भी पूरी तरह संरक्षित रखा जाएगा. खास बात ये है कि यहां मौजूद योगीराज भर्तहरि के समाधि स्थल से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. यानी धार्मिक आस्था का भी पूरा सम्मान बरकरार रहेगा.

‘एडप्टिव री-यूज’ योजना के तहत हो रहा बदलाव
पर्यटन विभाग के प्रभारी सहायक अधिकारी शक्ति सिंह के अनुसार, प्रदेश सरकार ने विरासत स्थलों को नया जीवन देने के लिए एडप्टिव री-यूज योजना शुरू की है. इसके तहत राज्य के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को संवारने के साथ-साथ पीपीपी मॉडल पर निजी कंपनियों को जिम्मेदारी दी जा रही है.

इस योजना का उद्देश्य केवल इमारतों को बचाना नहीं, बल्कि उन्हें एक आर्थिक, सांस्कृतिक और टूरिज्म हब के रूप में विकसित करना भी है. चुनार किले को भी इसी नीति के तहत निजी फर्म को सौंपा गया है.

पर्यटकों को मिलेगा नया अनुभव
अब जब किला हेरिटेज होटल में तब्दील होगा, तो मिर्जापुर आने वाले सैलानियों को भी नया अनुभव मिलेगा. उन्हें एक ऐसी जगह देखने को मिलेगी, जहां इतिहास, शाही ठाठ, आधुनिक सुविधाएं और धार्मिक आस्था – सब कुछ एक ही परिसर में मौजूद होगा.

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