ministry mistry and mystery three words 3 different meanings ketu grah ka prabhav।शब्दों के खेल में छिपी ज़िंदगी की गहराई: मिस्त्री, मिनिस्ट्री और मिस्ट्री, तीनों के पीछे काम कर रहा एक ही ग्रह जानें एक्पर्ट से

3 Kaam Ke Pichhe 1 Grah : अक्सर कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो सुनने में एक जैसे लगते हैं, लेकिन उनके मतलब और दायरे बिल्कुल अलग होते हैं. “मिनिस्ट्री”, “मिस्त्री” और “मिस्ट्री” ऐसे ही तीन शब्द हैं, जो दिखते एक जैसे हैं लेकिन इनके पीछे छिपे मतलब बहुत अलग हैं. चलिए, इन तीनों को समझते हैं – और उस सोच को भी जो इन तीन शब्दों को एक ही फ्रेम में जोड़ देती है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं इंदौर निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह.
जब हम ‘मिनिस्ट्री’ की बात करते हैं, तो दिमाग में सरकार, मंत्री और उनके विभाग आते हैं. हर एक मंत्रालय का अपना एक क्षेत्र होता है – शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा, विदेश नीति वगैरह. ये विभाग मिलकर देश की दिशा तय करते हैं. एक मिनिस्ट्री में दर्जनों अफसर, सलाहकार और योजनाएं होती हैं. लेकिन असली काम तो तभी होता है जब सही लोग सही सोच के साथ आगे आएं. वरना एक बड़ी बिल्डिंग और मोटी फाइलें सिर्फ दिखावा बनकर रह जाती हैं.
अब बात करते हैं ‘मिस्त्री’ की. यह वो इंसान होता है जो हाथों से काम करता है – चाहे वो कार ठीक करने वाला हो, मकान बनाने वाला हो या मशीनें सुधारने वाला हो. मिस्त्री असल में किसी भी सिस्टम की रीढ़ की हड्डी होता है. उसका काम सीधे नज़र नहीं आता, लेकिन अगर वह न हो तो पूरा ढांचा ही ढह सकता है. ये वो लोग हैं जो न तो न्यूज में आते हैं, न सोशल मीडिया पर ट्रेंड होते हैं – लेकिन इनका काम बोलता है.
3. मिस्ट्री – जो रहस्य बनकर रह जाती है
और अब बारी ‘मिस्ट्री’ की – यानी रहस्य की. कोई पुराना किस्सा, कोई अनसुलझी मौत, कोई चोरी या फिर कोई ऐसा वाकया जिसका सिर-पैर समझ में न आए – वो सब ‘मिस्ट्री’ कहलाता है. कभी-कभी ये मिस्ट्री एक फिल्म बन जाती है, तो कभी किसी की ज़िंदगी का दुख. कुछ रहस्य होते हैं जिनका जवाब हमें मिल जाता है, लेकिन कुछ हमेशा सवाल ही बने रहते हैं.
इन तीनों प्रोफेशन के पीछे केतु ग्रह का योगदान होता है. इसकी कुंडली के अलग-अलग भाव में केतु की स्थिति मायने रखती है. केतु की दशा ही आपको उसके अनुरूप काम दिलवाती है.