Shree Padmanabhaswamy Temple Maha Kumbhabhishekam: केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर में 270 सालों के बाद हुआ दुर्लभ ‘महाकुंभाभिषेकम’, जानें क्या था इसका मकसद?

तिरुवनंतपुरम. केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में 270 वर्षों के बाद रविवार को दुलर्भ ‘महाकुंभाभिषेकम’ का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. यह भव्य अनुष्ठान इस प्राचीन मंदिर में लंबे समय से लंबित नवीनीकरण कार्य के हाल ही में पूरा होने के बाद हुआ.
सूत्रों के मुताबिक त्रावणकोर राजपरिवार के वर्तमान प्रमुख मूलम थिरुनल राम वर्मा द्वारा मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद अनुष्ठान शुरू हुआ. उन्होंने बताया कि वर्मा और राजपरिवार के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में, तंत्री (मुख्य पुजारी) ने सबसे पहले तिरुवम्बडी मंदिर में ‘अष्टबंध कलशम’ का अनुष्ठान किया. मंदिर सूत्रों के मुताबिक बाद में सुबह आठ बजे विश्वक्सेना (भगवान विष्णु के एक स्वरूप) के विग्रह की पुनः स्थापना की गई.
सूत्रों ने बताया कि विश्वक्सेन के विग्रह की पुनः स्थापना के बाद, तंत्री और अन्य पुजारी, राजपरिवार के मुखिया के साथ, शिखरों को देवताओं को समर्पित करने के लिए जुलूस के रूप में आगे बढ़े और इस दौरान उपस्थित भक्तों ने ‘नारायण’ मंत्रों का जाप किया
सूत्रों ने बताया कि केरल के राज्यपाल विश्वनाथ राजेंद्र आर्लेकर इस दुर्लभ अनुष्ठान का साक्षी बनने के लिए मंदिर में मौजूद थे. उन्होंने बताया कि ‘महाकुंभाभिषेकम’ से पहले गत एक सप्ताह से अलग-अलग दिनों में मंदिर में आचार्य वरणम, प्रसाद शुद्धि, धारा, कलशम और सहित अन्य अनुष्ठान किए गए.
प्राधिकारियों ने बताया कि जीर्णोद्धार का काम 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति के निर्देशानुसार किया गया था. हालांकि, जीर्णोद्धार का कार्य जल्द ही शुरू हो गया था, लेकिन कोविड महामारी की वजह से इसमें देरी हुई. उन्होंने बताया कि बाद में 2021 से चरणबद्ध तरीके से विभिन्न नवीनीकरण कार्य पूरे किए गए.