Prayagraj News: हिंदू-मुस्लिम एकता का वो स्वर्णिम काल! जब भारत की आज़ादी से पहले, ब्रिटिश राज में 10 दिनों तक आज़ाद रहा था प्रयागराज

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Prayagraj Latest News: प्रयागराज में 7 जून से ‘पहली आजादी महोत्सव’ मनाया जा रहा है, जो 1857 की क्रांति की याद दिलाता है. इस क्रांति में हिंदू-मुस्लिम एकजुट होकर अंग्रेजों से लड़े और 10 दिनों तक इलाहाबाद को मुक्…और पढ़ें

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प्रयागराज

प्रयागराज की पहली आजादी

हाइलाइट्स

  • प्रयागराज में 7 जून से ‘पहली आजादी महोत्सव’ मनाया जा रहा है.
  • 1857 में हिंदू-मुस्लिम एकजुट होकर अंग्रेजों से लड़े.
  • प्रयागराज को 10 दिनों तक ब्रिटिश सत्ता से मुक्त कराया गया.

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 7 जून से एक खास इतिहास फिर से ज़िंदा हो उठा है. 1857 की पहली क्रांति के दौरान यहां हिंदू-मुस्लिम एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ ऐसा संघर्ष किया गया, जिसने पूरे इलाहाबाद (अब प्रयागराज) को करीब 10 दिनों तक ब्रिटिश सत्ता से मुक्त करा दिया. यह वह पल था जब देश ने अपनी असली आज़ादी की पहली झलक देखी थी, जो 1947 की आज़ादी से करीब 90 साल पहले हुआ था. इस ऐतिहासिक घटना को याद करते हुए ‘पहली आजादी महोत्सव’ का आयोजन 7 जून से 16 जून तक मनाया जा रहा है, जिसका भव्य शुभारंभ क्रांतिकारियों के मुख्यालय खुसरो बाग से हुआ.

पूर्वजों के बलिदान ने दिलाई देश को पहली आज़ादी
‘भारत भाग्य विधाता संस्था’ द्वारा आयोजित नवें ‘पहली आजादी महोत्सव’ का उद्घाटन मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने किया. मंडलायुक्त ने बताया कि खुसरो बाग प्रयागराज की क्रांतिकारी गतिविधियों का केंद्र रहा है. सावरकर ने पहली बार 1857 की क्रांति पर लिखा, जिसमें प्रयागराज की क्रांति का उल्लेख भी है. अंग्रेजों ने उस वक्त गांव-गांव को घेर कर आग लगा दी थी ताकि क्रांतिकारियों को दबाया जा सके. ब्रिटिश सरकार ने 1857 की क्रांति पर पुस्तक प्रकाशित करने के प्रयासों को भी रोक दिया था.

सन्यासियों और नागा संन्यासियों की भूमिका
महंत यमुना पुरी जी महाराज, सचिव महानिर्वाणिया अखाड़ा ने बताया कि सन्यासियों और नागा संन्यासियों ने इस क्रांति में अहम भूमिका निभाई. लगभग 40,000 नागा संन्यासी क्रांति में शामिल थे. प्रयागराज के स्थानीय लोगों ने भी स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जिसे याद कर हम गर्व महसूस करते हैं.

सरदार रामचंद्र ने शुरू की क्रांति की लड़ाई
शहीदवॉल के संस्थापक वीरेंद्र पाठक ने बताया कि 6 जून 1857 को छठवीं नेटिव बटालियन के सरदार रामचंद्र ने क्रांति की शुरुआत की. इसके बाद मौलवी लियाकत अली ने नेतृत्व संभाला. हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोगों ने मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. इन 10 दिनों की आज़ादी के दौरान उनका झंडा हरा रंग का था, जिसमें उगता हुआ सूर्य बना था. इस अवधि में भारतीयों ने अपने अधिकारी भी नियुक्त किए और शासन चलाया.

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जब भारत की आज़ादी से पहले, ब्रिटिश राज में 10 दिनों तक आज़ाद रहा था प्रयागराज

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