डेड होने लगे डैम, पंजाब में पड़ा सूखा, 15 फीसदी…मोदी सरकार के ब्रह्मास्त्र से पाकिस्तान कैसे हुआ पस्त? – indus water treaty pakistan dam water level decline 15 percent less water release draught like situation pahalgam attack

Indus Water Treaty: पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान पर जो पहला ब्रह्मास्त्र चलाया गया था, अब उसका असर दिखने लगा है. पड़ोसी देश में पानी की कमी को स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है. सूखे जैसे हालात का सामना कर रहे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की स्थिति आने वाले समय में और भी गंभीर हो सकती है. भारत की ओर से पश्चिमी नदियों पर नियंत्रण बढ़ाने के कदमों का असर पाकिस्तान में गंभीर जल संकट के रूप में उभर रहा है. CNN-News18 द्वारा देखे गए आधिकारिक पाकिस्तानी आंकड़ों के मुताबिक, इस हफ्ते पाकिस्तान के सिंधु बेसिन में बांधों से छोड़े जा रहे जल प्रवाह में लगभग 15% की गिरावट दर्ज की गई है, जो पिछले साल इसी अवधि की तुलना में कम है.
खेतीबारी के लिए संकट
गर्मी की मार से हालात के और बिगड़ने की आशंका
जल संकट के बीच पाकिस्तान अब एक और चुनौती का सामना करने जा रहा है. 8 जून से पंजाब, इस्लामाबाद, खैबर पख्तूनख्वा, कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में गंभीर हीटवेव की चेतावनी जारी की गई है. तापमान सामान्य से 5 से 7 डिग्री अधिक रह सकता है, जिससे जल संकट और विकराल रूप ले सकता है. पिछले महीने एक बयान में पाकिस्तान ने कहा था कि चिनाब नदी में भारत की ओर से कम आपूर्ति के कारण संकट पैदा हो गया है और इससे खरीफ सीजन में पानी की कमी हो जाएगी. पाकिस्तान ने भारत के कदम को एक्ट ऑफ वॉर करार दिया है और चेतावनी दी है कि अगला संघर्ष पानी को लेकर हो सकता है.
भारत का संदेश: पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते
सिंधु जल संधि
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे. इस संधि के तहत तीन पूर्वी नदियों (ब्यास, रावी, सतलुज) का जल भारत को और तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, िचनाब, झेलम) का जल पाकिस्तान को आवंटित किया गया था, हालांकि दोनों देशों को कुछ सीमित प्रयोग की छूट थी. प्रधानमंत्री मोदी ने संधि को देश के साथ ऐतिहासिक अन्याय करार देते हुए कहा था कि पिछले 60 वर्षों से जम्मू-कश्मीर की नदियों पर बने बांधों की सफाई तक की अनुमति नहीं थी.