7 साल बाद अपने गांव पहुंची UPSC टॉपर शक्ति दुबे, देखने के लिए टूट पड़ी भीड़, आखिर क्या थी देरी से आने की वजह?

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सनन्दन उपाध्याय/बलिया: इस बार की यूपीएससी टॉपर में सबसे ऊपर बलिया की बेटी शक्ति दुबे का नाम आया था. इस बड़े सपने को साकार करने के लिए इस बेटी ने क्या कुछ नहीं किया. शक्ति ने इस उपलब्धि को पाने के लिए अगर कहा जाए तो पूरी दुनिया भुला दी थी. अभी कुछ महीनों से लगातार लोग टीवी और सोशल मीडिया पर शक्ति दुबे को देख रहे थे, लेकिन जब शक्ति 7 साल के बाद अपने गांव पहुंची, तो मानो नजारा एकदम बदल सा गया. हर कोई शक्ति को एक बार देखना चाहता था.

गांव के लोगों से वह  बिल्कुल आम आदमी की तरह बातचीत कर रही थी. सालों बाद सबसे मेल मिलाप ने मानो शक्ति को सबकुछ दे दिया. शक्ति महादेव की भक्त है. शक्ति का गांव बलिया के बैरिया द्वाबा क्षेत्र अंतर्गत रामपुर में है. फिलहाल शक्ति के पहुंचने पर गांव में विधिवत रुद्राभिषेक और अखंड हरकीर्तन हो रहा है.

सपने को पूरा करने के लिए छोड़ दिया था अपना गांव…

UPSC topper शक्ति दुबे ने कहा कि वह लगभग 7 साल बाद अपने घर आई है. शक्ति के घर पर एक सोमेश्वर महादेव शिव मंदिर है, जिसका प्रतिवर्ष जून में वार्षिकोत्सव मनाया जाता है. लेकिन शक्ति के यूपीएससी का प्रीलिम्स (UPSC Prelims) भी इसी समय पड़ जाता था या कभी इनके पापा दरोगा देवेंद्र कुमार दुबे) को छुट्टी नहीं मिल पाती थी, इस कारण शक्ति अपने गांव नहीं आ पाती थी. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि शक्ति ने यूपीएससी में टॉप करने के लिए कितना त्याग किया है.

सालों बाद गांव पर आकर गदगद हुई शक्ति

इसके अलावा  शक्ति यूपीएससी की तैयारी (preparation) और पढ़ाई के कारण भी घर नहीं आ पाती थी. शक्ति अपने पापा के साथ प्रयागराज में रहती थी. अब शक्ति ने अपने बड़े सपने को पूरा कर लिया है. उन्होंने कहा कि आज बहुत खुशी और सुकून मिल रहा है कि उनका पूरा परिवार इकट्ठा हुआ है. पहली बार गांव आने पर शक्ति को उनके भाई ने रिसीव किया, इसके बाद सबसे पहली मुलाकात शक्ति की उनके बड़े पापा से हुई.

इतनी बड़ी उपलब्धि के बाद भी बिटिया में नहीं हुआ परिवर्तन

शक्ति के बड़े पापा रामकृष्ण दुबे ने बताया कि शक्ति के व्यवहार में आज तक कोई परिवर्तन नहीं आया है. कहा कि उनकी बिटिया ने यूपीएससी टॉप किया है, लेकिन आज भी  शक्ति बिल्कुल एक सामान्य लड़की की तरह रहती है.

 शक्ति के भक्ति को सलाम कर रहे लोग 

शक्ति शुरू से ही पूजा-पाठ करती थी, जो आज भी पूरी तरह से बरकरार है. शक्ति शिव तांडव स्तोत्र जैसे तमाम भजन भी में गाती हैं. कुल मिलाकर शक्ति की  भक्ति को आज लोग  सलाम कर रही हैं. आज शक्ति की कहानी हर कोई प्रेरित हो रहा है.

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