क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर हमेशा मजबूत रुख अपनाते हैं पीएम? News18 Poll में 88.06% लोग मोदी के साथ – Narendra Surrender News18 Poll 75 Percent Public Rejects Congress campaign Attacking PM Narendra Modi

Last Updated:
Congress Narender Surrender Campaign: न्यूज18 इंडिया के सर्वे में 75.65% लोगों ने माना कि पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमले राष्ट्रहित के खिलाफ हैं और 88.06% ने मोदी को राष्ट्रीय सुरक्षा पर मजबूत नेता माना. जनता का म…और पढ़ें

पोल में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ देश की बड़ी आबादी है. (File Photo)
हाइलाइट्स
- पीएम मोदी को राष्ट्रीय सुरक्षा पर 88.06% लोगों का समर्थन.
- 75.65% लोगों ने पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमले राष्ट्रहित के खिलाफ माने.
- कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति से जनता असंतुष्ट.
नई दिल्ली. पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. इसी कड़ी में नरेदर सरेंडर कैंपन कांग्रेस पार्टी ने चलाया. न्यूज18 इंडिया के इसे लेकर एक सर्वे 6 और 7 जून 2025 को दो दिन तक चला. इस पोल में कुल 14,671 लोगों ने भाग लिया. न्यूज18 इंडिया के “नरेंदर सरेंडर पोल” के हालिया नतीजों से यह स्पष्ट हो गया है कि देश की जनता यह मानती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले राष्ट्रहित के खिलाफ हैं. पोल के मुताबिक, 75.65% लोगों ने यह स्वीकार किया कि इस तरह के हमले राष्ट्रीय छवि और एकता को नुकसान पहुंचाते हैं. केवल 24.35% लोग ही ऐसे बयान को जायज मानते हैं. यह आंकड़ा न सिर्फ जनभावना को दर्शाता है, बल्कि कांग्रेस की मौजूदा रणनीति पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है.
राष्ट्रीय सुरक्षा पर पीएम का सख्त रुख
कांग्रेस पर उलटी पड़ रही बाजी
वास्तव में, यह रणनीति कांग्रेस के लिए उलटी पड़ती दिख रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जनता अपने निर्वाचित प्रधानमंत्री के खिलाफ इस प्रकार के व्यक्तिगत और अपमानजनक बयानों को पसंद नहीं करती. इससे न केवल कांग्रेस की गंभीरता पर सवाल खड़े होते हैं बल्कि यह भी संदेश जाता है कि पार्टी मुद्दों की राजनीति से हटकर भावनात्मक और नकारात्मक राजनीति पर उतर आई है.
कांग्रेस को पकड़नी होगी जनता की नब्ज
कांग्रेस अगर वाकई भाजपा का विकल्प बनना चाहती है, तो उसे मुद्दों पर आधारित आलोचना करनी होगी जैसे बेरोजगारी, महंगाई, किसान संकट या शिक्षा-स्वास्थ्य प्रणाली की खामियां. लेकिन जब फोकस मोदी विरोध पर टिका होता है और वह भी व्यक्तिगत आक्षेपों के रूप में, तो इसका राजनीतिक लाभ भाजपा को ही मिलता है. यही वजह है कि भाजपा बार-बार खुद को “विकास बनाम विनाश” की लड़ाई में एक ठोस विकल्प के रूप में पेश करती है. इस पोल के नतीजे कांग्रेस के लिए एक चेतावनी हैं कि देश की जनता अब नकारात्मकता से ऊब चुकी है. यदि कांग्रेस को अपनी जमीन वापस चाहिए, तो उसे नकारात्मकता छोड़ कर सकारात्मक और तथ्यात्मक राजनीति की ओर लौटना होगा. वरना प्रधानमंत्री पर व्यक्तिगत हमला, पार्टी के लिए आत्मघाती कदम साबित हो सकता है.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें