कांग्रेस के ‘नरेंदर सरेंडर’ कैंपेन से देश नहीं रखता इत्तेफाक, 75.65% ने बताया राष्ट्रहित के खिलाफ, News18 Poll में खुलासा – News18 Snap Poll में सामने आई चौंकाने वाली राय – News18 Snap Poll 87 Percent Unhappy with Congress Party Narendra Surrender Remark find not good for national security

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News18 Snap Poll में 87.55% लोगों ने ‘नरेंदर सरेंडर’ टिप्पणी को गलत माना. 75.65% ने कहा कि ऐसे बयान राष्ट्रहित के खिलाफ हैं. 88.06% ने पीएम मोदी को राष्ट्रीय सुरक्षा पर मजबूत नेता माना. लोगों का मानना है कि इसस…और पढ़ें

कांग्रेस पार्टी के नरेंद्र सरेंडर अभियान से लोग खुश नहीं हैं. (File Photo)
हाइलाइट्स
- 87.55% लोगों ने ‘नरेंदर सरेंडर’ टिप्पणी को गलत माना.
- 75.65% ने कहा कि ऐसे बयान राष्ट्रहित के खिलाफ हैं.
- 88.06% ने पीएम मोदी को राष्ट्रीय सुरक्षा पर मजबूत नेता माना.
नई दिल्ली. ‘नरेंदर सरेंडर’ टिप्पणी को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच News18 ने जनता के मूड को टटोलने के लिए Snap Poll कराया. यह सर्वे 6 और 7 मई 2025 को दो दिन चला. इस पोल में कुल 14,671 लोगों ने भाग लिया. पोल को News18 की वेबसाइट्स, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और टीवी चैनलों पर QR कोड के जरिए कराया गया. स्टेट-ऑफ-द-आर्ट पोलिंग सॉफ्टवेयर के जरिए प्रतिक्रियाएं जुटाई गईं.
दूसरा सवाल – ‘क्या प्रधानमंत्री पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले राष्ट्रीय हित को नुकसान पहुंचाते हैं?’ यहां 75.65% लोगों ने ‘हां’ में जवाब दिया. सिर्फ 24.35% ने ‘नहीं’ कहा. साफ है कि तीन-चौथाई से ज्यादा लोग मानते हैं कि ऐसे बयान राष्ट्रहित के खिलाफ हैं.
चौथा सवाल – ‘क्या कांग्रेस ने इस तरह की टिप्पणी कर सशस्त्र बलों का सम्मान किया है?’ इस सवाल पर 86.27% ने ‘नहीं’ कहा. महज 13.73% ने ‘हां’ कहा. यानी अधिकांश लोग मानते हैं कि कांग्रेस की टिप्पणी से सेना का अपमान हुआ है.
क्या कहता है यह पोल?
इस स्नैप पोल से साफ संकेत मिल रहे हैं कि जनता को ‘नरेंदर सरेंडर’ जैसी टिप्पणी नागवार गुजरी है. तीन-चौथाई से अधिक लोग मानते हैं कि इस तरह के बयान राष्ट्रहित को नुकसान पहुंचाते हैं. पीएम मोदी को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर मजबूत नेता के तौर पर जनता देखती है. कांग्रेस की टिप्पणी को लेकर सेना के सम्मान का सवाल भी जनता के मन में उठा है. सिंधु जल संधि को लेकर भी भारी असंतोष नजर आया. News18 Snap Poll के आंकड़े बताते हैं कि जनता की बड़ी आबादी राष्ट्रीय सुरक्षा और सशस्त्र बलों के मुद्दों पर सख्त राय रखती है और राजनीति में निजी हमलों को उचित नहीं मानती. कांग्रेस की ‘नरेंदर सरेंडर’ टिप्पणी इस वक्त उसे जनता की राय के कटघरे में खड़ा करती दिख रही है.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें