ker sangri rajasthani recipe । राजस्थानी केर सांगरी रेसिपी

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Ker Sangri Recipe: जब भी महंगी चीजों की बात होती है तो हमारे दिमाग में ड्राय फ्रूट्स, विदेशी फल या किसी बड़े होटल की डिश का नाम आता है. लेकिन भारत में एक देसी सब्जी ऐसी भी है जिसकी कीमत और स्वाद दोनों ही हैरान कर देते हैं. यह सब्जी न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है, बल्कि इसे खाने वाले इसकी खुशबू और चटपटेपन के दीवाने हो जाते हैं. इस सब्जी की मांग शहरों में ही नहीं, विदेशों तक है. खास बात यह है कि यह पूरी तरह देसी है और जंगली पौधों से प्राकृतिक रूप से उगती है. राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके जहां खेती मुश्किल होती है, वहीं यह अनमोल सब्जी खुद उगती है. यह दिखने में जितनी साधारण लगती है, खाने में उतनी ही खास होती है. गांवों में महिलाएं इसे बड़े प्यार से सुखाकर साल भर के लिए स्टोर करती हैं. आज के फाइव स्टार होटलों से लेकर पारंपरिक शादियों तक, केर सांगरी की मांग हमेशा बनी रहती है. आइए जानते हैं इसकी खासियत और रेसिपी के बारे में.

सेहत और स्वाद का खजाना
केर सांगरी स्वाद और सेहत दोनों का खजाना है. इसमें फाइबर, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है जो शरीर को तंदुरुस्त रखने में मदद करते हैं. यह पेट साफ रखने में, पाचन सुधारने में और शरीर की ताकत बढ़ाने में असरदार मानी जाती है. गर्मियों में यह शरीर को अंदर से ठंडक भी देती है.

कहां मिलती है ये सब्जी?
यह सब्जी मुख्य रूप से राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर में पाई जाती है. केर एक कंटीली झाड़ी का फल होता है जबकि सांगरी एक लंबी फली की तरह होती है. इन्हें जंगलों में बटोरकर खास तरीके से सुखाया जाता है ताकि इनका स्वाद बरकरार रहे.

शादी-ब्याह और त्योहारों में खास
राजस्थान में जब भी कोई बड़ा त्योहार, शादी या आयोजन होता है, तो केर सांगरी जरूर बनाई जाती है. यह सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि पारंपरिक गौरव और संस्कृति की पहचान है. मेहमानों को परोसी जाने वाली थाली में केर सांगरी हो, तो बात ही कुछ और होती है.

विदेशों में भी फेमस
आज केर सांगरी की डिमांड सिर्फ राजस्थान या भारत तक ही सीमित नहीं है. यह कई देशों में एक्सपोर्ट होती है और फाइव स्टार होटलों के मेन्यू में भी इसका नाम शामिल होता है. विदेशी पर्यटक इसे बड़े चाव से खाते हैं और इसके स्वाद की तारीफ करते हैं. इसकी कीमत आम तौर पर 200 से 320 रुपये प्रति किलो तक होती है, जो कभी-कभी काजू-बादाम से भी ज्यादा होती है.

अचार और सब्जी दोनों में दम
केर सांगरी को अचार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. जब यह अच्छी तरह सूख जाती है, तो इससे बना अचार लंबे समय तक टिकता है और इसका स्वाद हर थाली को खास बना देता है.

बनाने की विधि इस प्रकार है

  • 1. उबली केर और सांगरी को अच्छे से धोकर अलग रख लें.
  • 2. कढ़ाई में तेल गर्म करें, उसमें हींग और जीरा डालें.
  • 3. मसाले डालकर भूनें और फिर दही डाल दें.
  • 4. अब केर-सांगरी को मसाले में मिलाएं और धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक पकाएं.
  • 5. अंत में सौंफ और आमचूर डालें.
  • जब सब्जी पक जाए तो इसे गर्म पूरी या बाजरे की रोटी के साथ परोसें. यकीन मानिए अगर आपने इसे एक बार खा लिया तो जिंदगी पर इसका टेस्ट नहीं भूलेंगे.
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