Nirjala Ekadashi 2025 pani peene ki sahi vidhi kya hai | निर्जला एकादशी में इस विधि से पिएं पानी, नहीं टूटेगा व्रत, मिलेगा पूरा फल

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Nirjala Ekadashi 2025 Pani Peene Ki Vidhi: निर्जला एकादशी व्रत 6 जून को है. इस व्रत में पानी पीना वर्जित है, लेकिन एक स्थिति में पानी पीने की अनुमति है. आइए जानते हैं निर्जला एकादशी पर पानी पीने की सही विधि क्य…और पढ़ें

निर्जला एकादशी में इस विधि से पिएं पानी, नहीं टूटेगा व्रत, मिलेगा पूरा फल

निर्जला एकादशी पर पानी पीने की सही विधि.

इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून शुक्रवार को है. ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी के सूर्योदय से द्वादशी के सूर्योदय तक जल न ग्रहण करने की वजह से इस व्रत को निर्जला एकादशी कहते हैं. महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय के अनुसार, यह एकादशी वर्षभर की सभी 24 एकादशी में उत्तम है. इस एकादशी का व्रत करने से सहज ही सभी एकादशी का फल प्राप्त होता है. इस व्रत में जल ग्रहण नहीं करते हैं, लेकिन व्रत के समय ऐसा लगने लगे कि पानी के बिना आगे उपवास संभव नहीं है तो शास्त्रों में निर्जला एकादशी पर पानी पीने की विधि बताई गई है. इस विधि से पानी पीने पर निर्जला एकादशी का व्रत भंग नहीं होगा और आपको व्रत का पूरा फल भी मिलेगा. हालां​कि यह कठिन व्रत बालक, वृद्ध और रोगी व्यक्ति को नहीं करना चाहिए.

निर्जला एकादशी पर पानी पीने की सही विधि, नहीं टूटेगा व्रत

ज्योतिषाचार्य पाण्डेय के अनुसार, ज्येष्ठ में दिन बड़े होते है और गर्मी की अधिक होती है. इसकी वज​​ह से प्यास लगती है. निर्जला एकादशी में जल ग्रहण करना वर्जित है. इस व्रत में अधिक संयम की जरूरत पड़ती है. निर्जला एकादशी के व्रत में फलाहार के बाद दूध पीने का विधान है.

बीच व्रत में आपको लगता है कि अब पानी नहीं पिया तो प्राण निकल जाएंगे. जल के बिना जीवन असंभव लगने लगे तो ऐसी स्थिति में पानी पीने का विधान है. पानी पीने से पूर्व आपको ॐ नमो नारायणाय मंत्र का 12 बार जप करना है. उसके बाद एक थाली में पानी भर लें. उसके बाद घुटने और भुजाओं को जमीन पर सटाकर पानी पिएं. आपको पानी एक पशु के समान पीना है. यदि आप इस विधि से पानी पीते हैं तो आपका निर्जला एकादशी व्रत भंग नहीं होगा. उसके बाद आप आगे व्रत विधिपूर्वक करें. आपको व्रत का पूरा फल प्राप्त होगा. आपके पाप मिटेंगे और मोक्ष की प्राप्ति होगी.

निर्जला एकादशी से भीम को मिला बल
पौराणिक कथाओं के अनुसार, पांच पांडवों में भीम ने निर्जला एकादशी का व्रत किया था. इस व्रत के पुण्य प्रताप से भीमसेन को 10 हजार हाथियों का बल प्राप्त हुआ था, जिससे वे दुर्योधन पर जीत हासिल करने में सफल रहे.

निर्जला एकादशी का पारण

निर्जला एकादशी के व्रत में मन, कर्म और वचन की पवित्रता रखनी चाहिए. व्रत करते हुए द्वादशी तिथि में श्रीहरि विष्णु की पूजा करें. उसके बाद ही पारण करें. इस वर्ष निर्जला एकादशी का पारण 7 जून शनिवार को सूर्योदय के बाद सुबह 10:00 बजे के पूर्व कर सकते हैं.

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कार्तिकेय तिवारी

कार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें

कार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें

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