साउथ ईस्ट दिशा से क्यों आते हैं बार-बार हादसे? जानिए पंडित जी से बचाव के आसान उपाय, जल्द दिखेगा असर

Reason Of Accident: हमारे घर की बनावट सिर्फ दीवारों और छतों का जोड़ नहीं होती, यह हमारी ऊर्जा, सोच और रोजमर्रा की घटनाओं को भी प्रभावित करती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की हर दिशा का अपना एक असर होता है. इन्हीं में से एक है साउथ ईस्ट दिशा, जिसे आम भाषा में आग का कोना कहा जाता है. साउथ ईस्ट दिशा का संबंध ऊर्जा, गर्मी और क्रियाशीलता से होता है. अगर इस दिशा का संतुलन बिगड़ जाए, तो घर में चोटें, एक्सीडेंट्स और आपसी तनाव बढ़ सकता है. कई बार लोग महसूस करते हैं कि उनके जीवन में बार-बार चोट लग रही है, छोटे या बड़े हादसे हो रहे हैं, लेकिन उन्हें वजह समझ नहीं आती. वास्तु के अनुसार, इसकी एक बड़ी वजह साउथ ईस्ट दिशा का ठीक से काम न करना हो सकता है.
एक और आम गलती यह होती है कि लोग इस दिशा में नीला या काला रंग करवा देते हैं, ये रंग जल तत्व से जुड़े माने जाते हैं, जबकि साउथ ईस्ट में आग का प्रभाव होता है. जब आग और पानी टकराते हैं, तो टकराव ही होता है. इस वजह से मानसिक उलझनें, पारिवारिक तनाव और फिजिकल चोटें बढ़ सकती हैं.
गलत रंग या भारी सामान
वास्तव में कई बार देखा गया है कि जिन घरों में इस दिशा में गलत रंग या भारी सामान रखा गया होता है, वहां के लोग बार-बार चोट खाते हैं या एक्सीडेंट का शिकार होते हैं. कभी गिरना, कभी दरवाज़े से टकरा जाना, तो कभी वाहन से गिर जाना, ये सब संकेत होते हैं कि ऊर्जा का बहाव ठीक नहीं है.