Jyeshtha Purnima 2025 Date for vrat snan daan muhurat 3 shubh yog significance of jyeshtha Purnima : ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत कब है? किस दिन होगा स्नान और दान? जानें तारीख, मुहूर्त और महत्व

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को व्रत, स्नान और दान करते हैं. कई बार तिथियों के समय में भिन्नता होने की वजह से पूर्णिमा व्रत और स्नान-दान की तारीखों में अंतर होता है. पूर्णिमा व्रत में सत्यनारायण भगवान, चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जबकि पूर्णिमा तिथि पर सूर्योदय के समय स्नान और दान का विधान है. पूर्णिमा पर स्नान और दान करने से पाप मिटते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट का कहना है कि इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत और स्नान दान अलग अलग दिन होंगे. आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत और स्नान-दान कब है? इसका मुहूर्त क्या है?
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 तारीख
दृक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि 10 जून मंगलवार को सुबह 11 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ हो रही है, जबकि इस तिथि का समापन 11 जून बुधवार को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर हो रहा है. उदयातिथि के आधार पर ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून दिन बुधवार को है.
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत कब 2025
पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा के व्रत में उसी तिथि में चंद्रमा का उदित होना जरूरी है. ऐसे में पूर्णिमा तिथि में चंद्र अर्घ्य 10 जून को होगा, इस आधार पर ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 10 जून मंगलवार को रखा जाएगा.
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ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान और दान 2025
पूर्णिमा का स्नान और दान उदयातिथि में करते हैं. इस आधार पर ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान और दान 11 जून बुधवार को होगा.
3 शुभ योग में है ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2025
इस साल का ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 3 शुभ योग में है. ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन सिद्ध योग, रवि योग, और साध्य योग बन रहे हैं. व्रत के दिप सिद्ध योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 01 बजकर 45 मिनट तक है. उसके बाद से साध्य योग बनेगा, जो पूर्ण रात्रि तक रहेगा. उस दिन रवि योग 05:23 ए एम से 06:02 पी एम तक है. उस दिन अनुराधा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर शाम 06:02 पी एम तक है, उसके बाद से ज्येष्ठा नक्षत्र है.
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत पर स्वर्ग की भद्रा
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन भद्रा लग रहा है. यह भद्रा सुबह में 11:35 ए एम से लगेगी, जो देर रात 12:27 ए एम तक रहेगी. इस भद्रा का वास स्वर्ग में है. ऐसे में धरती पर कोई अशुभ प्रभाव नहीं होगा. आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं.
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ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का महत्व
ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत करने से आपकी कुंडली का चंद्र दोष दूर होगा. चंद्रमा के मजबूत होने से आपके जीवन में सुख और समृद्धि आएगी. ज्येष्ठ पूर्णिमा पर प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा करें. लक्ष्मी कृपा से आपका धन संकट दूर होगा. आपका घर धन और वैभव से भर जाएगा.