सीतामढ़ी का जर्दालू और बम्बई आम देशभर में मचा रहा धूम, कीमत करीब 400 रुपए किलो, मिठास के हो जाएंगे फैन

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सीतामढ़ी के आम देशभर में मशहूर हो रहे हैं. आलोक कुमार की पहल पर 2021 में शुरू हुए अभियान से अब तक 20 राज्यों में आम भेजे जा चुके हैं. 4 किलो आम की कीमत 1499 रुपए है.

आम पैक करते हुए तस्वीर
हाइलाइट्स
- सीतामढ़ी के आम 20 राज्यों में भेजे जा चुके हैं.
- 4 किलो आम की कीमत 1499 रुपए है.
- आम की विदेशों से भी मांग आ रही है.
सीतामढ़ी. बिहार के सीतामढ़ी जिले का स्वादिष्ट और सुगंधित आम अब देशभर में अपनी खास पहचान बना रहा है. इस साल यहां से बम्बई और जर्दालू किस्म के आम अब तक देश के 20 राज्यों में भेजे जा चुके हैं, और ऑर्डर की रफ्तार को देखते हुए जल्द ही यह संख्या 25 राज्यों तक पहुंचने की उम्मीद है. इस प्रयास में किसानों की मदद कर रहा है अपना खेत फाउंडेशन, जो जिले के किसानों को देशभर के बाजारों से जोड़ रहा है. सीतामढ़ी जिले के बथनाहा प्रखंड के किसान और डुमरा के कृषि समन्वयक आलोक कुमार की पहल पर यह अभियान वर्ष 2021 में कोरोना काल के बाद शुरू हुआ था.
उन्होंने सबसे पहले दिल्ली और कर्नाटक में सीतामढ़ी के आम भेजे थे. तब से हर साल आम की ऑनलाइन बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है. आलोक कुमार बताते हैं कि इस साल पहले दिन ही दिल्ली-एनसीआर, जयपुर, मुंबई, तमिलनाडु, कर्नाटक और राजस्थान सहित 20 राज्यों में 114 पैकेट भेजे गए.
4 किलो आम की कीमत 1499 रुपए
ये आम एयर कूरियर के माध्यम से 3 से 7 दिनों के भीतर ग्राहकों तक पहुंचाए जाते हैं. एक पैक में चार किलो आम होता है, जिसकी कीमत 1499 रुपए तय की गई है. ऑर्डर इंस्टाग्राम, फेसबुक, वेबसाइट और फोन नंबर के जरिए लिए जा रहे हैं. ग्राहकों को यदि आम खराब मिलते हैं तो पैसा वापसी की गारंटी दी जाती है. यह फाउंडेशन गुणवत्ता को सबसे ऊपर रखता है. यहां के आमों में किसी प्रकार की रासायनिक दवाइयों का प्रयोग नहीं होता, जिससे स्वाद और सेहत दोनों सुरक्षित रहते हैं.
कई राज्यों में जा रहा यहां का आम
अब तक फाउंडेशन की ओर से 5 क्विंटल आम की पहली खेप भेजी जा चुकी है, जबकि 15.5 क्विंटल का ऑर्डर पैक कर भेजने की प्रक्रिया में है. इस बार का लक्ष्य 150 क्विंटल आम देश के विभिन्न राज्यों में भेजने का है. सीतामढ़ी के किसान इस पहल से बेहद उत्साहित हैं और अपनी आम की खेती को और विस्तार देने में जुटे हैं. इतना ही नहीं, सीतामढ़ी के आम की विदेशों से भी मांग आ रही है. आलोक कुमार के अनुसार उन्हें तीन अलग-अलग देशों से ऑर्डर प्राप्त हुए हैं, लेकिन तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनों के कारण अभी तक वहां सप्लाई संभव नहीं हो पाई है. इस विषय पर वे विभाग और सरकार को कई बार पत्र भी लिख चुके हैं.

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें
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