इस बर्फी के आगे फीकी काजू कतली, स्वाद और खुशबू ऐसी कि दूर-दूर से दौड़े चले आते हैं लोग, जानें रेसिपी

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गर्मियों की मिठाई: फर्रुखाबाद के कमालगंज में अमन मिष्ठान भंडार की दाल बर्फी गर्मियों में बेहद पसंद की जाती है. 300 रुपए प्रति किलो मिलने वाली इस मिठाई में मेवा और मावा का खास मिश्रण होता है. आइए जानते है इस मिठ…और पढ़ें

नमकीन और मेवाओं से तैयार स्पेशल दाल बर्फी
हाइलाइट्स
- फर्रुखाबाद के कमालगंज में मशहूर है दाल बर्फी.
- अमन मिष्ठान भंडार की दाल बर्फी 300 रु/किलो मिलती है.
- दाल बर्फी में मेवा और मावा का खास मिश्रण होता है.
सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद. गर्मियों का मौसम शुरू होते ही हर कोई ऐसे डिश खाना पसंद करता है, जिससे शरीर में ऊर्जा भी बनी रहे और खाने का मजा भी आए. इसी को लेकर फर्रुखाबाद के कमालगंज की स्पेशल बर्फी लोगों के बीच खास पहचान बना चुकी है. यहां पर विभिन्न प्रकार की मेवा और मावा से तैयार की जाने वाली ‘दाल बर्फी’ नाम की मिठाई बेहद खास मानी जाती है. अमन मिष्ठान भंडार में तैयार होने वाली यह मशहूर बर्फी जिले भर के लोगों की पहली पसंद बनी हुई है.
जिले के कमालगंज मुख्य मार्ग पर रेलवे चौराहे के निकट मौजूद अमन मिष्ठान भंडार एक ऐसी दुकान है, जहां पर लगातार दो पीढ़ियों से यह मिठाई मशहूर है. अपने स्पेशल स्वाद के लिए यह दाल बर्फ़ी जानी जाती है. दुकानदार के हाथों से बनी इस बर्फी में ऐसा स्वाद है कि यहां ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है. यह बर्फी 300 रुपए प्रति किलो मिलती है. सुबह से लेकर देर रात तक ग्राहक यहां पहुंचकर इस खास मिठाई का लुत्फ उठाते नजर आते हैं.
30 रुपए में मिलती हैं 100 ग्राम की प्लेट
दुकान के संचालक अमन चोरसिया ने बताया कि कमालगंज मुख्य मार्ग के पास उनकी दुकान स्थित है, जिसकी शुरुआत उनके पिता ने की थी और अब वह खुद इसका संचालन कर रहे हैं. उनके यहां दाल बर्फ़ी नाम से मशहूर यह स्पेशल मिठाई गर्मियों में खास तौर पर ग्राहकों को खूब पसंद आती है. अमन बताते हैं कि इस बर्फी को दूसरी मिठाइयों से अलग बनाती है इसमें उपयोग होने वाली नमकीन और मेवे की अधिक मात्रा इसे खास स्वाद देती है. यह दुकान सुबह 8 बजे खुलती है और देर रात तक मिठाइयों की बिक्री चलती रहती है.
ग्राहकों की सेहत का रखा जाता है ख्याल
दुकानदार ने बताया कि दाल बर्फ़ी बनाने में गोंद, खरबूजा की गिरी, इलायची, काजू, बादाम, गरी और चिरौंजी जैसे मेवों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा शुद्ध दूध से तैयार मावा को बेसन की सेव में मिलाकर ऊपर से चाशनी डाली जाती है. फिर मेवों को घी में भूनकर, मावा और चीनी के साथ मिलाकर अच्छे से पकाया जाता है. जब मिश्रण तैयार हो जाता है, तो उसे एक चौकोर ट्रे में फैलाकर समतल किया जाता है. सूखने के बाद इसे टुकड़ों में काटकर सजाया जाता है. ऊपर से काजू और इलायची लगाई जाती है, जो न सिर्फ स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि इसकी बिक्री भी आकर्षित करते हैं. इन गर्मियों में यह मिठाई ग्राहकों को स्वाद के साथ ऊर्जा भी देती है.