आपका लोन बाकी है, कब भरेंगे…? जब शख्स को आया फोन, बोला- कौन सा लोन? चेक किया तो…

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Mumbai: मुंबई से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें IIT पवई में कार्यरत एक प्रोजेक्ट इंजीनियर के नाम पर तीन फर्जी लोन लिए गए और चार क्रेडिट कार्डों से ₹10 लाख की ऑनलाइन खरीदारी कर डाली गई. यह पूरा धोखाधड…और पढ़ें

IIT इंजीनियर के नाम पर लिए गए 3 लोन और 4 क्रेडिट कार्ड (image credit-canva)
हाइलाइट्स
- IIT इंजीनियर के नाम पर लिए गए तीन लोन और चार क्रेडिट कार्ड
- 156 ट्रांजेक्शनों से ₹10 लाख की ऑनलाइन शॉपिंग
- चार क्रेडिट कार्डों से की गई ₹10 लाख की खरीदारी
मुंबई: भईया, मुंबई के इस IIT प्रोजेक्ट इंजीनियर के साथ तो अलग ही ट्रेजडी हो गई. भाई न कोई लोन लिया और न ही कोई शौपिंग की, लेकिन फिर भी इनके नाम और पैसों पर 10 लाख रुपये की शॉपिंग हो गई और साहब को पता भी नहीं चला. आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा हो कैसे सकता है, हैना? चलिए हम आपको बताते हैं.
मामला मुंबई का हैं, जहां IIT पवई में प्रोजेक्ट इंजीनियर के रूप में काम कर रहे युवक को एक दिन तीन अलग-अलग लोन एजेंसियों से फोन आया ‘आपने जो लोन लिया है, उसकी EMI बकाया है.’ पहले तो इंजीनियर साहब को लगा कि कोई गलती हुई होगी. पर जब उन्होंने अपना CIBIL स्कोर चेक किया, तो होश ही उड़ गए. उनके नाम पर कुल ₹4 लाख के तीन फर्जी लोन लिए जा चुके थे. इतना ही नहीं, इंजीनियर के नाम पर चार क्रेडिट कार्ड भी जारी हुए थे जिनका इस्तेमाल कर 156 ट्रांजेक्शनों के जरिए ₹10 लाख से ज्यादा की ऑनलाइन शॉपिंग हो चुकी थी. यह सब हुआ था 8 जनवरी से 19 जनवरी के बीच, और इंजीनियर साहब को भनक तक नहीं लगी.
चार क्रेडिट कार्डों से की गई ₹10 लाख की खरीदारी
20 फरवरी को Credito 20 नाम की फाइनेंशियल कंपनी ने पहली बार इस इंजीनियर से संपर्क किया. कंपनी ने ₹13,500 की EMI की बात कही. जब उन्होंने यह कहकर इनकार किया कि उन्होंने कोई लोन नहीं लिया, तो कंपनी ने उन्हें उनके ही आधार, पैन और बैंक डिटेल्स दिखाए, जो इस फर्जीवाड़े में इस्तेमाल हुए थे. इसके बाद जब उन्होंने अपने CIBIL में डिटेल्स चेक किए, तो दो और लोन दिखाई दिए. एक ₹3 लाख का लोन पुणेवाला फिनकॉर्प से और एक ₹80,000 का लोन किस्त फाइनेंस कंपनी से.
‘अलर्ट क्यों नहीं आया?’
इंजीनियर ने तुरंत ही साइबर क्राइम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद वेस्ट साइबर पुलिस ने 28 मई को अज्ञात आरोपी के खिलाफ आधिकारिक मामला दर्ज किया. वेस्ट साइबर पुलिस ने बताया कि वो यह जांच कर रही है कि आखिर जब लोन जारी किए गए और क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन हो रहे थे, तब पीड़ित को किसी भी बैंक या फाइनेंशियल कंपनी से कोई अलर्ट क्यों नहीं मिला?. साइबर पुलिस अधिकारी ने कहा कि ‘हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर इन चार क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कहां, कब और कैसे हुआ.’ फिलहाल पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी को पीड़ित के आधार, पैन और बैंक डिटेल्स कहां से और कैसे मिले.